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स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा के लिए शिक्षा मंत्रालय का सख्त रुख, सभी राज्यों को भेजे गए निर्देश

शिक्षा मंत्रालय

स्कूल वह जगह है, जहां बच्चे पढ़ाई करते हैं. यह उनके लिए दूसरा घर होता है, जहां वे अपने दिन का बड़ा हिस्सा बिताते हैं. अगर यही जगह सुरक्षित न हो तो माता-पिता और बच्चों का भरोसा कैसे कायम रहेगा?

देश के स्कूलों में हाल के दिनों में कई ऐसी घटनाएं हुई हैं, जिन्होंने हर किसी को झकझोर कर रख दिया. कहीं स्कूल की जर्जर इमारतें ढह गईं, कहीं लापरवाही के चलते बच्चे घायल हुए, और कुछ मामलों में तो मासूम बच्चों की जान तक चली गई. इन हादसों ने एक बार फिर स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं. इन सभी चिंताओं को देखते हुए शिक्षा मंत्रालय ने सख्त कदम उठाया है और सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को बच्चों की सुरक्षा को लेकर कड़े निर्देश जारी किए हैं. मंत्रालय का साफ कहना है कि अब किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी. बच्चों की जान और सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जा सकता.

स्कूलों में सुरक्षा क्यों है इतनी जरूरी?

स्कूल वह जगह है जहां बच्चे न सिर्फ पढ़ाई करते हैं, बल्कि अपना भविष्य संवारते हैं. यह उनके लिए दूसरा घर होता है, जहां वे अपने दिन का बड़ा हिस्सा बिताते हैं. लेकिन अगर यही जगह सुरक्षित न हो, तो माता-पिता और बच्चों का भरोसा कैसे कायम रहेगा? इन सभी समस्याओं को देखते हुए शिक्षा मंत्रालय ने तय किया है कि अब स्कूलों में सुरक्षा को सबसे ज्यादा महत्व देना होगा. इसके लिए मंत्रालय ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर साफ निर्देश दिए हैं कि स्कूलों में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया जाए. मंत्रालय ने यह भी कहा है कि 2021 की स्कूल सुरक्षा गाइडलाइंस और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) की 2016 की स्कूल सुरक्षा नीतियों का सख्ती से पालन करना होगा.

मंत्रालय के निर्देशों के प्रमुख बिंदु

शिक्षा मंत्रालय ने अपने निर्देशों में कई अहम बिंदुओं पर जोर दिया है, जिन्हें तुरंत लागू करना अनिवार्य है. आइए, इन बिंदुओं को विस्तार से समझते हैं.

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